गुजरात का किंग कहलाता था असली 'रईस' गैंगस्टर लतीफ
मुंबई में अक्सर अंडरवर्ल्ड का बोलाबाला रहा है कि लेकिन दूसरे शहर भी जुर्म के साए से बचकर नहीं रहे. ऐसा ही एक शहर है गुजरात का अहमदाबाद. कहने को तो यह शहर बहुत संपन्न है लेकिन अंडरवर्ल्ड से जुड़े गैंगस्टर इस शहर पर भी राज करते आए हैं. उन्ही में से एक पुराना नाम आज कल सुर्खियों में छाया हुआ है. क्योंकि उस गैंगस्टर की जिंदगी पर ही आधारित है सुपरस्टार शाहरुख खान की अगली फिल्म 'रईस'. और अहमदाबाद के उस डॉन का नाम था अब्दुल लतीफ. उसे गुजरात का किंग भी कहा जाता था.
कौन था अब्दुल लतीफअब्दुल लतीफ अहमदाबाद के दरियापुर इलाके में रहा करता था. उसका जन्म वहीं हुआ था. परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी. परिवार बड़ा था लिहाजा घर के सभी लोग काम किया करते थे. मुश्किल हालात और आर्थिक कमजोरी ने अब्दुल लतीफ को ज्यादा पढ़ने का मौका नहीं दिया. छोटी उम्र में ही अब्दुल को दो जून की रोटी के लिए काम करना पड़ा. और कच्ची उम्र में ही वो एक ऐसे रास्ते पर चल पड़ा जो मौत के पास जाकर खत्म होता था.
जुर्म की दुनिया में पहला कदमछोटी सी उम्र में ही अब्दुल लतीफ काम करने लगा था. 80 के दशक में उसने कालूपुर ओवरब्रिज के पास देशी शराब बेचने की शुरुआत कर दी. बस यहीं से उसने जरायम की दुनिया में पहला कदम रखा था. धीरे-धीरे उसने अंग्रेजी शराब भी बेचनी शुरू कर दी. इस काम से उसकी अच्छी कमाई होने लगी थी. इसके बाद लतीफ ने शहर के कोट इलाके में रहने वाले बदमाशों को अपनी गैंग में शामिल किया और फिर हथियार सप्लाई करने वाले शरीफ खान से हाथ मिला लिया. इस तरह लतीफ शराब के साथ-साथ हथियारों की तस्करी करने लगा था.
गुजरात पर राजजवानी की दहलीज पार करने के साथ ही कुछ ही वर्षों में लतीफ गैंगस्टर बन चुका था, लेकिन किसी भी गैंगवार में वह खुद कभी सामने नहीं रहा. लतीफ ने बड़े ही शातिर तरीके से कई छोटे-मोटे गैंग में फूट डलवाकर उन्हें अपने गैंग में मिला लिया. इस तरह अहमदाबाद के बाद उसका दबदबा पूरे गुजरात में फैल गया. लतीफ ने गुजरात में अवैध शराब बेचने का नेटवर्क इतना मजबूत कर डाला था कि वहां कोई भी बुटलेगर यानी अवैध शराब बेचने वाला बिना उसकी मर्जी से शराब नहीं बेच सकता था.
गरीबों का मसीहा था लतीफशहर के मुस्लिम इलाकों में लतीफ गरीबों के लिए मसीहा माना जाने लगा था. वह बेरोजगार युवकों को अपनी गैंग में शामिल कर लेता था. इसकी वजह से उसे राजनीतिक समर्थन भी मिलने लगा था. 1985 में उसने जेल में बंद रहते हुए निकाय चुनाव में पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था. और वह जेल में रहते हुए भी सभी सीटों पर चुनाव जीत गया था. जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड था. उसकी इस जीत से बड़े बड़े नेताओं ने दांतों तले उंगली दबा ली थी.
लतीफ के खिलाफ दर्ज हैं करीब 80 मामलेअब्दुल लतीफ गुजरात में 40 से भी अधिक हत्या के मामलों में आरोपी था. जबकि अपहरण के भी लगभग इतने ही मामलों में उसका नाम शामिल है. लतीफ को 1995 में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. इसके बाद उसे साबरमती जेल अहमदाबाद में रखा गया. नवंबर 1997 में अब्दुल लतीफ ने एक बार भागने की कोशिश की, जिस दौरान गुजरात पुलिस से एनकाउंटर में वह मारा गया.
गैंगस्टर की जिंदगी पर फिल्म और विवादगुजरात के गैंगस्टर रहे अब्दुल लतीफ के बेटे की याचिका पर अहमदाबाद के एक कोर्ट ने शाहरुख के प्रोडक्शन हाउस को नोटिस भेजा है. यह फिल्म लतीफ की जिंदगी पर ही आधारित है. लतीफ के बेटे मुश्ताक अहमद शेख ने अपनी याचिका में कहा कि शाहरुख खान की फिल्म उनके पिता का नाम खराब कर रही है. यही नहीं, उन्होंने इस बाबत हर्जाने की मांग करते हुए 101 करोड़ रुपये की मानहानी का दावा किया है. मुश्ताक ने फिल्म की रिलीज और प्रमोशनल मटेरियल के जारी होने पर भी रोक की मांग की है. उनका कहना है कि फिल्म के दूसरे हिस्से में लतीफ को गलत तरीके से पेश किया गया है. 'रईस' में शाहरुख खान के अलावा नवाजुद्दीन सिद्दकी और माहिरा खान प्रमुख भूमिका में है.
'हम इज्जतदार जिंदगी बसर कर रहे हैं'मुश्ताक कहते हैं, 'मेरे पिता अब्दुल लतीफ को मरे कई साल हो चुके हैं. आज हमारा परिवार समाज में एक अच्छी और इज्जतदार जिंदगी बसर कर रहा है. ऐसे में एक बार फिर लोग मेरे पिता लतीफ की पुरानी जिंदगी के बारे में बात करने लगे हैं. इससे हमें समाज में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इतने साल बीत चुके हैं. आज मैं एक बिल्डर हूं. मेरे बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ते हैं. उन पर फिल्म बनाने की क्या जरूरत है.'
गैंगस्टर लतीफ से लेना देना नहींदूसरी ओर, लतीफ कि जिंदगी से जुड़ी इस फिल्म के बारे में जब मुश्ताक के जरीए फिल्म के निर्देशक राहुल ढोलकिया से बात कि गई, तो उन्होंने कहा कि 'रईस' का लतीफ की जिंदगी से कोई लेना-देना नहीं है.